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नरेंद्र की शहादत पर

  मध्य प्रदेश में २००९ बैच के जांबाज ईमानदार IPS ऑफिसर नरेंद्र की हत्या के बाद बिहार में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना में भ्रष्टाचार को उजागर करने पर मार डाले गए सत्येन्द्र डूबे और उन जैसे सारे ईमानदार लोगों की शहादत याद आ रही है. इन सारे शहीदों की वीरता को नमन और एक पुरानी कविता से श्रद्धांजलि   ईमान मर नहीं सकता   आज के इस भयानक दौर में, जहाँ ईमान की हर जुबान पर खामोशी का ताला जडा है. चाभी एक दुनाली में भरी सामने धरी है , फ़िर भी मैं कायर न बनूँगा अपनी आत्मा की निगाह में फ़िर भी मैं, रत्ती भर न हिचकूंगा चलने में ईमान कि इस राह पे। मैं अपनी जुबान खोलूँगा मैं भेद सारे खोलूँगा- (बेईमानों- भ्रष्टाचारियों की काली करतूतों के ) मैं चीख-चीख कर दुनिया भर में बोलूँगा- ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है। मैं जानता हूँ कि परिणाम क्या होगा- मेरी जुबान पर पड़ा खामोशी का ताला बदल जाएगा फांसी के फंदे में और फंदा कसता जायेगा- भिंच जायेंगे जबड़े और मुट्ठियाँ आँखें निष्फल क्रोध से उबलती बाहर आ जाएँगी प्राण फसेंगे, लोग हसेंगे पर संकल्प और कसेंगे. देह मर जायेगा मगर आत्मा चीखेगी, अनवरत, अविराम- '