त्रिवेणी - जख्म और पेड़
जख्म और पेड़ हरे ही अच्छे | सूख जाने पे मर जाते हैं दोनों || सींचते रहिये इन्हें आंसू और पानी से | --केशव--
प्रेम अकेला कर देता है/ मन में पीड़ा भर देता है/ कुछ खोने का डर देता है/ ख़ामोशी को स्वर देता है/ नयनों में जल भर देता है/ दुनिया बदल कर धर देता है/ प्रेम अकेला कर देता है//