tag:blogger.com,1999:blog-7092334361049796861.post6715143046800282544..comments2023-11-12T17:13:02.140+05:30Comments on प्रेम अकेला कर देता है: पानी-पानी रे...KESHVENDRA IAShttp://www.blogger.com/profile/08624176577796237545noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7092334361049796861.post-10677351770711469802010-01-18T04:44:31.832+05:302010-01-18T04:44:31.832+05:30पवन भाई, आपने इस आलेख को पढ़ा और सराहा ये मेरे लिए ...पवन भाई, आपने इस आलेख को पढ़ा और सराहा ये मेरे लिए ख़ुशी की बात है. इस अनुभव को सब के साथ शेयर करना चाहता था तो लिख डाला. ब्लॉग के अलावा और लिखने-पढने में क्या हो रहा है? मुझे तो यहाँ हिंदी की किताबें या पत्रिकाएँ नही मिल पाती हैं, डाक से मंगाना होगा फिर से लग रहा है..KESHVENDRA IAShttps://www.blogger.com/profile/08624176577796237545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7092334361049796861.post-65430444168472774752010-01-17T09:46:40.761+05:302010-01-17T09:46:40.761+05:30केशव भाई
बहुत ही अच्छा लेख......आपने बिलकुल सही कह...केशव भाई<br />बहुत ही अच्छा लेख......आपने बिलकुल सही कहा है.....जल संरक्षण पर राजेंद्र सिंह जी का यह आन्दोलन वाकई सराहनीय है.......पानी को बचने की मुहिम जरूरी है, जागरूकता अभी से होनी चाहिए, देर से चेतने में खतरे बहुत हैं............. वरना तीसरा विश्व युद्ध अगर पानी के लिए होने की बात कही जा रही है वो कहीं से गलत नहीं है........ !Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.com