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प्रेम अकेला कर देता है

प्रेम अकेला कर देता है दिल में पीड़ा भर देता हैं कुछ खोने का डर देता है खामोशी को स्वर देता है नयनो में जल भर देता है दुनिया बदल कर धर देता है प्रेम अकेला कर देता है।

केरल- चंद क्षणिकाएँ

*घर से इतनी दूर आया, मन था दुखी- दुखी केरल की पहली बारिश में भीगा, हुआ सुखी *भाषा नई -नई है, है परिवेश नया-नया लोग मुखर हैं बहुत और मेरा मौन नया-नया एक पुरानी चीज साथ जिसने ना छोड़ा है बस एक तन्हाई है जिसने मुख ना मोड़ा है.