त्रिवेणी- शब्द जो पहले सजाते थे, अब लजाते हैं
किसी को नेता कह दो तो गाली लगती है | किसी को बाबू कह दो, साली, लगती है | शब्द जो पहले सजाते थे, अब लजाते हैं |
प्रेम अकेला कर देता है/ मन में पीड़ा भर देता है/ कुछ खोने का डर देता है/ ख़ामोशी को स्वर देता है/ नयनों में जल भर देता है/ दुनिया बदल कर धर देता है/ प्रेम अकेला कर देता है//