समंदर का गीत
समंदर आज भी वही गीत गाता है जो उसने पहली बार गाया था जब वो अस्तित्व में बस आया था | समंदर की रेत के हर कण और समंदर का हर जड़ -चेतन मिलेंगे तुम्हें उसी आदिम गीत में मगन | फिर इसमें अचरज क्यूँ हो कि समंदर जब भी लहरों के सुर में गाता है हर सुनने वाला गीतमुग्ध रह जाता है | २१-७-२०११