जला सको तो जलाओ दिल का दिया
रात कितनी काली है कितनी खाली-खाली है. रौशनी गुमती जाती जिन्दगी से और तुम कहते हो दीवाली है. जब कोई दिया यहाँ बुझता है किसी कोने से बजती ताली है. धन की देवी की ये तो पूजा है पैसे वाले की ये दीवाली है. चंद लोगों के हिस्से ऐश आयी सारी है कितने लोगों के पेट आजकी रात खाली हैं. रौशनी बढती जाती रोज है बाहर और भीतर की दुनिया हुई स्याह काली है. जला सको तो जलाओ दिल का दिया तभी लगेगा की आज भी दीवाली है.