बीती हुई यादों से नए साल का स्वागत-स्मृतियाँ 2009
स्मृतियाँ - ओस की बूंदों से भी स्निग्ध मोतियों से भी ज्यादा चमकीली शहद से भी ज्यादा मीठी आंसुओं से भी ज्यादा नमकीन नवपल्लवों से भी ज्यादा रक्तिम सुनहरी सुबह से भी ज्यादा सुहानी जीवन क्या है इन स्मृतियाँ के समुच्चय के सिवा नववर्ष में इन सुन्दर स्मृतियाँ का साथ रहे और यह नववर्ष कुछ इस तरह बीते की हर खूबसूरत स्वप्न सच हो उठे तन-मन-जीवन में प्रेम की मिठास घुल जाये स्मृतियाँ और भी सुखद, और सुहानी और सुनहरी हो उठे.