ये दुनिया कैसी दुनिया है ?
इस दुनिया में फूल हुए कम कांटे ज्यादा हैं
फूल बचे हैं जो भी वो सब हारे-मांदे हैं |
अच्छे लोग बने हैं मानो प्राणी चिडियाघर के
और बुरे लोगों के हाथों पैने भाले हैं |
देखा है अच्छे लोगों को मैंने घुटते तिल-तिल
और बुरे लोगों के घर में खुशियाँ नाचे हैं
दुनिया बन गयी ऐसी जिसमें चांदी शैतानों की
और भले लोगों को उनकी जान के लाले हैं
कभी-कभी शक होता है क्या है कोई ऊपर में
या फिर उसकी आँखों पर मोटे-से ताले हैं
आश न खो दुनिया बदलेगी दिल ये कहता है.
देखे इस आशा पर कब तक हम जीनेवाले हैं
फूल बचे हैं जो भी वो सब हारे-मांदे हैं |
अच्छे लोग बने हैं मानो प्राणी चिडियाघर के
और बुरे लोगों के हाथों पैने भाले हैं |
देखा है अच्छे लोगों को मैंने घुटते तिल-तिल
और बुरे लोगों के घर में खुशियाँ नाचे हैं
दुनिया बन गयी ऐसी जिसमें चांदी शैतानों की
और भले लोगों को उनकी जान के लाले हैं
कभी-कभी शक होता है क्या है कोई ऊपर में
या फिर उसकी आँखों पर मोटे-से ताले हैं
आश न खो दुनिया बदलेगी दिल ये कहता है.
देखे इस आशा पर कब तक हम जीनेवाले हैं
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