ईश्वर,खुदा और GOD की भाषा (लघुकथा)
खुदा को उर्दू के सिवा कुछ न आता था, ईश्वर संस्कृत तो जानते ही थे, हिंदी भी धीरे-धीरे सीख गए थे और God तो अंग्रेजी छोड़ कुछ बोलते-सुनते ही न थे. पर प्रॉब्लम महसूस हो रही थी सबको धीरे-धीरे.
धरती पर धार्मिक एकता बढ़ रही थी, खुदा, God और भगवान के बन्दे एक हो रहे थे, आपस में घुल-मिल रहे थे.एक दिन उपरवालों ने भी सोचा की हम देवता लोगों को भी आपस में घुलना-मिलना चाहिए. सो एक दिन उपरवालों की मीटिंग शुरू हुई. अध्यक्षता का जिम्मा God को सौपा गया. सभा की शुरुआत हुई. God बोले-
"Good morning to all of You."
थोडा-सा भगवान को समझ में आया, थोडा खुदा से discuss कर के क्लिअर किया की कोई गाली-वाली तो नही दी गई है. God ने छोटी सी स्पीच दी, खुद बोले, खुद समझे.
ईश्वर की बारी आयी, वसुधैव कुटुम्बकम का नारा लगाया. धाराप्रवाह संस्कृतनिष्ठ हिंदी शुरू हुई. God परेशान, खुदा हैरान, खुदा थोडा-बहुत समझे.
खुदा आये, खुदाई की चर्चा शुरू हुई. ईश्वर को लगा की धरती पर कहीं खुदाई करवानी है, बैठे-बैठे ही बोले- हो जायेगा भाई, परेशान न हो. God बेचारे मुह ताकते हुए बैठे रहे.
सब समझ रहे थे की वो कुछ नही समझ रहे हैं, पर जता नही रहे थे. नारद जी भी उपस्थित थे सभा में, धरती पर मानवों के बीच घूम-घूम कर काफी शातिर हो चुके थे. उन्हें मानवों के प्रतिनिधि के रूप में विशेष तौर पर बुलाया गया था.वे उठे, अपनी करताल बजाते हुए मंच पर आये और फिर अपना भाषण शुरू किया-
"Dear God, प्यारे भगवान और सबसे आला खुदा! फिर उन्होंने संस्कृतमिश्रित हिंदी, अरबी-फारसी मिश्रित उर्दू और ब्रिटिश-अमेरिकी अंग्रेजी के मिले-जुले रूप में तीनों को संबोधित किया. God, ईश्वर और खुदा, तीनो के चेहरे खिले pade थे. वे ध्यानमग्न हो कर भाषिक सहिष्णुता पर नारद का भाषण सुन रहे थे. अपने भाषण के अंत में नारद जी बोले-
"धरती पर मानवों ने जगह-जगह अन्य भाषा-भाषी लोगों के लिए भाषा ट्रेनिंग सेंटर बनाये हैं. मुझे भी इन सेंटरों में पढने-पढाने का अच्छा-खासा अनुभव हुआ है . यदि आप लोग चाहे तो (तीनों के चेहरे को शातिर निगाहों से भाँपते हुए) मैं आपलोगों के लिए Language Learning Centre चला सकता हूँ.
खुदा, ईश्वर और God, तीनों के चेहरे इस प्रस्ताव पर गुब्बारों की भांति फूल उठे. अगले ही पल तीनों गुरु नारद के शरणागत थे. नारदजी गदगद हो मन-ही-मन अनुमान लगा रहे थे की तीनों से कितनी-कितनी फीस वसूली जा सकती है.
लेटेस्ट खबर है की नारद मुनि का लैंग्वेज लर्निंग कोर्स सुपर-डुपर हिट हो चूका है. ईश्वर आजकल कुरान पढ़ रहे हैं, God पुराण और अल्लाह बाइबल के अध्ययन में तल्लीन हैं. Dont Disturb Them, वे होशियार हो चुके हैं. अब उनके भक्तों की बारी है.
(July 2005 में )
धरती पर धार्मिक एकता बढ़ रही थी, खुदा, God और भगवान के बन्दे एक हो रहे थे, आपस में घुल-मिल रहे थे.एक दिन उपरवालों ने भी सोचा की हम देवता लोगों को भी आपस में घुलना-मिलना चाहिए. सो एक दिन उपरवालों की मीटिंग शुरू हुई. अध्यक्षता का जिम्मा God को सौपा गया. सभा की शुरुआत हुई. God बोले-
"Good morning to all of You."
थोडा-सा भगवान को समझ में आया, थोडा खुदा से discuss कर के क्लिअर किया की कोई गाली-वाली तो नही दी गई है. God ने छोटी सी स्पीच दी, खुद बोले, खुद समझे.
ईश्वर की बारी आयी, वसुधैव कुटुम्बकम का नारा लगाया. धाराप्रवाह संस्कृतनिष्ठ हिंदी शुरू हुई. God परेशान, खुदा हैरान, खुदा थोडा-बहुत समझे.
खुदा आये, खुदाई की चर्चा शुरू हुई. ईश्वर को लगा की धरती पर कहीं खुदाई करवानी है, बैठे-बैठे ही बोले- हो जायेगा भाई, परेशान न हो. God बेचारे मुह ताकते हुए बैठे रहे.
सब समझ रहे थे की वो कुछ नही समझ रहे हैं, पर जता नही रहे थे. नारद जी भी उपस्थित थे सभा में, धरती पर मानवों के बीच घूम-घूम कर काफी शातिर हो चुके थे. उन्हें मानवों के प्रतिनिधि के रूप में विशेष तौर पर बुलाया गया था.वे उठे, अपनी करताल बजाते हुए मंच पर आये और फिर अपना भाषण शुरू किया-
"Dear God, प्यारे भगवान और सबसे आला खुदा! फिर उन्होंने संस्कृतमिश्रित हिंदी, अरबी-फारसी मिश्रित उर्दू और ब्रिटिश-अमेरिकी अंग्रेजी के मिले-जुले रूप में तीनों को संबोधित किया. God, ईश्वर और खुदा, तीनो के चेहरे खिले pade थे. वे ध्यानमग्न हो कर भाषिक सहिष्णुता पर नारद का भाषण सुन रहे थे. अपने भाषण के अंत में नारद जी बोले-
"धरती पर मानवों ने जगह-जगह अन्य भाषा-भाषी लोगों के लिए भाषा ट्रेनिंग सेंटर बनाये हैं. मुझे भी इन सेंटरों में पढने-पढाने का अच्छा-खासा अनुभव हुआ है . यदि आप लोग चाहे तो (तीनों के चेहरे को शातिर निगाहों से भाँपते हुए) मैं आपलोगों के लिए Language Learning Centre चला सकता हूँ.
खुदा, ईश्वर और God, तीनों के चेहरे इस प्रस्ताव पर गुब्बारों की भांति फूल उठे. अगले ही पल तीनों गुरु नारद के शरणागत थे. नारदजी गदगद हो मन-ही-मन अनुमान लगा रहे थे की तीनों से कितनी-कितनी फीस वसूली जा सकती है.
लेटेस्ट खबर है की नारद मुनि का लैंग्वेज लर्निंग कोर्स सुपर-डुपर हिट हो चूका है. ईश्वर आजकल कुरान पढ़ रहे हैं, God पुराण और अल्लाह बाइबल के अध्ययन में तल्लीन हैं. Dont Disturb Them, वे होशियार हो चुके हैं. अब उनके भक्तों की बारी है.
(July 2005 में )
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