जिंदगी से क्या गिला
जिंदगी से क्या गिला |
जो मिला है, सो मिला ||
दुःख से मुरझाया था मन |
आज देखो फिर खिला ||
राजे-महराजे गए |
खंडहर बचा है अब किला ||
उतरा नशा अब जिंदगी का |
आके तू, जरा सा पिला ||
मुर्दों से फिरते हैं लोग यहाँ |
कुछ भी कर, तू उन्हें जिला ||
मैं छोड़ आऊंगा सारा जहां |
तू होगी, ये दिलासा तो दिला ||
प्यार-रिश्तों का जहाँ |
पल भर में गया है ज्यूँ बिला ||
तेरी आँख में आंसू नही |
तेरा ह्रदय है या है शिला ||
ताश के पत्तों की ढेरी है दुनिया ये |
तू जरा सा इसको दे हिला ||
गम ना कर कीचड़ का तू |
बस, कुछ कमल तू दे खिला ||
(१९-०८-२०१०)
जो मिला है, सो मिला ||
दुःख से मुरझाया था मन |
आज देखो फिर खिला ||
राजे-महराजे गए |
खंडहर बचा है अब किला ||
उतरा नशा अब जिंदगी का |
आके तू, जरा सा पिला ||
मुर्दों से फिरते हैं लोग यहाँ |
कुछ भी कर, तू उन्हें जिला ||
मैं छोड़ आऊंगा सारा जहां |
तू होगी, ये दिलासा तो दिला ||
प्यार-रिश्तों का जहाँ |
पल भर में गया है ज्यूँ बिला ||
तेरी आँख में आंसू नही |
तेरा ह्रदय है या है शिला ||
ताश के पत्तों की ढेरी है दुनिया ये |
तू जरा सा इसको दे हिला ||
गम ना कर कीचड़ का तू |
बस, कुछ कमल तू दे खिला ||
(१९-०८-२०१०)
टिप्पणियाँ
जो मिला है, सो मिला ||
बहुत सुंदर....
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
सुन्दर अभिव्यक्ति !