निठारी
बच्चों!
किसी पर भरोसा न करना
सीखना होगा तुम्हे,
अगर तुम चाहते हो अपनी रक्षा.
भेडिये हर तरफ है इंसानों के भेष में.
सीखो हर बड़े पर अविश्वास करना,
पता नही उनमे कौन हो शैतान,
खूनी, बलात्कारी, नरपिशाच.
बच्चों!
अब बड़े बचपन से ही
तुम्हे छोड़ना होगा अपना बचपना,
अपनी मासूमियत, अपना भोलापन.
बड़ों की इस खतरनाक दुनिया में
जीने के लिए निहायत जरुरी है
बचपन से ही तुम्हारा बड़ा होना.
किसी पर भरोसा न करना
सीखना होगा तुम्हे,
अगर तुम चाहते हो अपनी रक्षा.
भेडिये हर तरफ है इंसानों के भेष में.
सीखो हर बड़े पर अविश्वास करना,
पता नही उनमे कौन हो शैतान,
खूनी, बलात्कारी, नरपिशाच.
बच्चों!
अब बड़े बचपन से ही
तुम्हे छोड़ना होगा अपना बचपना,
अपनी मासूमियत, अपना भोलापन.
बड़ों की इस खतरनाक दुनिया में
जीने के लिए निहायत जरुरी है
बचपन से ही तुम्हारा बड़ा होना.
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