जिन्दगी से जी अभी तक भरा नही
जिन्दगी से जी अभी तक भरा नही
मायने ये है के मैं अब तक मरा नही
जिस शाख से पतझड़ में पत्ते न झड़े
वो शाख बसंत में था हरा नही
दुनिया दुश्वार कर देगी जीना अगर
कहते रहे तुम जरा हाँ, जरा नही.
ईमानवालों की बातें ना सुनो
कहते हैं, ईमानदारी में कुछ धरा नही
खुद को जिन्दा समझ तभी तक 'केशव'
जबतक कि दिल किसी से डरा नही
मायने ये है के मैं अब तक मरा नही
जिस शाख से पतझड़ में पत्ते न झड़े
वो शाख बसंत में था हरा नही
दुनिया दुश्वार कर देगी जीना अगर
कहते रहे तुम जरा हाँ, जरा नही.
ईमानवालों की बातें ना सुनो
कहते हैं, ईमानदारी में कुछ धरा नही
खुद को जिन्दा समझ तभी तक 'केशव'
जबतक कि दिल किसी से डरा नही
टिप्पणियाँ
जिन्दगी से जी अभी तक भरा नही
मायने ये है के मैं अब तक मरा नही
ओफो.....क्या कह डाला मित्र....
जिस शाख से पतझड़ में पत्ते न झड़े
वो शाख बसंत में था हरा नही
अच्छा ख्याल है........!
जिन्दगी से जी अभी तक भरा नही
मायने ये है के मैं अब तक मरा नही
ओफो.....क्या कह डाला मित्र....
जिस शाख से पतझड़ में पत्ते न झड़े
वो शाख बसंत में था हरा नही
अच्छा ख्याल है........!
FIRST COMMENT WAS WRONGLY SEND.
Sanjay kumar
http://sanjaybhaskar.blogspot.com