तेरी.. नहीं है, तेरी कमी
रिश्तों में है बर्फ जमी!
तेरी.. नहीं है, तेरी कमी!!
दुनिया तो निकली अक्लमंद!
बुद्धू ठहरे एक हमी!!
धरती सूखी जाती है!
आँखों में छुप गयी सारी नमी!!
खंडहरों में जीते हैं!
इक दिन बन जायेंगे ममी!!
दिल ना डोले इन्सां का !
तब डोला करती है ये जमी!!
बाजारू इस दुनिया में!
हैं रिश्ते सारे बने डमी!!
जाने क्या है होने वाला!
साँसें है सहमी-सहमी!!
बिकने कुछ दिल आये हैं!
बाजार में है गहमा-गहमी!!
रात में देखा सपना बुरा!
चीख पड़ा-"मम्मी-मम्मी"!!
तेरी.. नहीं है, तेरी कमी!!
दुनिया तो निकली अक्लमंद!
बुद्धू ठहरे एक हमी!!
धरती सूखी जाती है!
आँखों में छुप गयी सारी नमी!!
खंडहरों में जीते हैं!
इक दिन बन जायेंगे ममी!!
दिल ना डोले इन्सां का !
तब डोला करती है ये जमी!!
बाजारू इस दुनिया में!
हैं रिश्ते सारे बने डमी!!
जाने क्या है होने वाला!
साँसें है सहमी-सहमी!!
बिकने कुछ दिल आये हैं!
बाजार में है गहमा-गहमी!!
रात में देखा सपना बुरा!
चीख पड़ा-"मम्मी-मम्मी"!!
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