Meri Triveniyan-2

Triveni- 2nd season

**प्यार कभी मुहताज नही

मैं शाहजहाँ नहीं और तू मुमताज नही
अपने प्रेम की निशानी कोई ताज नही

दिल कहता है-प्यार कभी मुहताज नही.

15 Febuary 2010 


**तेरा जूड़ा


किनारे की दो पतली चोटियाँ जैसे हो यमुना और सरस्वती

और बीच की चौड़ी चोटी जैसे हो चौड़ा पाट गंगा का.

 
मेरे लिए तो तेरा जूड़ा किसी त्रिवेणी से कम नही.
 
19 Febuary 2010
 
 
 
**दिल तो पत्थर नही था


दिल तो पत्थर नही था फिर भी तराशा था इसे

दिल हीरे-सा हो उठेगा ये आशा थी मुझे, मगर



दिल ने कई दिनों से धड़कना छोड़ दिया है.
 
20 Febuary 2010
 
 
 


**मुखौटा
.
एक मुखौटा लगा के यहाँ आये हो तुम


खुबसूरत है दिल तुम्हार मगर परदे में है.



और मैं हूँ की कोई राज सह सकता नही.
 
20 Febuary 2010
 
 
 
**शायर सभी निराले होते हैं


इस दुनिया के शायर सभी निराले होते हैं

दुनिया में हँसते रहते हैं घर में रोते हैं.



बीबी झाड़ू लिए मरम्मत उनकी करती है.
20 Febuary 2010




**99 के फेर में



सैकड़ों का इंतजार तो सबको होता है

99 के फेर में चाहे सचिन पड़े या कोई और,रोता है.



सैकड़ें जीत की गारंटी नहीं, ये और बात है.
 
21 Febuary 2010
 
 
 
**नींद और ख्वाब


जिन आँखों में नींद नही आती है

उन आँखों में ख्वाब कहाँ आयेंगे.



नींद और ख्वाब कभी भी बाजारू नहीं हो पाएंगे.
 
21 Febuary 2010




**उदासी में तो हर रंग उदास होता है.


सूनी-सूनी होली में कोई भी पास नही होता है

रंग छलकते हैं बाहर और भीतर, मन रोता है.



उदासी में तो हर रंग उदास होता है.
 
27 Febuary 2010
 
 
 
**होली का दिन है


उदासी के रंगों को चेहरे से मिटा दो

खुशियों के रंगों को चेहरे पे बसा लो



होली का दिन है, यूँ ही ज़ाया ना करो.
 
28 Febuary 2010
 
 
**रंग भरा चेहरा


उदासी धुलती है रंगों से या कि नहीं,

ये तो मालूम नहीं हमको, मगर



रंग भरा चेहरा उदासी को छुपा लेता है.

01 March 2010

Happy Holi friends.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बादलों के घेरे में

"एक शेर अपना, एक पराया" में दुष्यंत कुमार के शेरों का काफिला

आत्ममुग्धता